Lateral Entry Process now its challenge ?

S.R. SALMAN
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Lateral Entry Process now its challenge ?

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अब आप बिना एग्जाम दिए बगैर भी केंद्र सर्कार में सीधे सयुंक्त सचिव के पद पर विराजमान हो सकते है। इस के लिए आपको सालो मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है।  और आपका आईएएस और आईपीएस होना भी ज़रूरी नहीं है।
  अब सीधे केंद्र सर्कार में बिना एग्जाम दिए जा सकते है और सेवा कार्य कर सकते है। और यहाँ तक के एक प्राइवेट पर्सन भी भारत सर्कार में सीधे जॉइंट सेक्रेटरी बन सकता है।  ये सुनमें बड़ा अजब ज़रूर है लेकिन ये मुमकिन हुआ है। सालो साल मेहनत कर के एक महंती अभ्यर्थी आईएएस और फिर इस पोस्ट पर जाता है लेकिन सर्कार का ये कदम कितना सही है इस पर आज हम चर्चा करेंगे।  अगर इस तरह से कोई इतनी  पर जाता है तो फिर एक सवाल उठता है के हम पढाई क्यों करे ?
हम सबसे पहले शुरुआत 12 अप्रैल से करते है क्यों के सरकार ने  अबतक  सबसे बड़ी तादाद में लेटरल प्रवेश प्रक्रिया के ज़रिये 9 विषयज्ञ  को संयुक्त सचिव बनाया है। लेटरल प्रकिरिया के ज़रिये इतनी बड़ी तादाद में प्रवेश हुआ है हमारे केंद्र सरकार में।
वर्ष 2005 में जब प्रशासनिक सुधारों के लिए पहली रिपोर्ट पेश की गई उस समय ब्यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री का पहला प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में दूसरी प्रशासनिक सुधार रिपोर्ट में भी इसकी अनुशंसा की गई। हालांकि पहली गंभीर पहल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2016 में इसकी संभावना तलाशने के लिए एक समिति बनाई, जिसने अपनी रिपोर्ट में इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की अनुशंसा की। 
अब हम ये समझने की कोशिश करते है के सरकार ने इसमें यानि संयुक्त सचिव के ही पद पर क्यों इन्हे नियुक्त क्या ?
क्यों के  सरकार ये सोचती है के प्राइवेट सेक्टर से आने वाले इसलिए इस पद पर नियुक्त किये गए है क्यों के ये थोड़े से स्मार्ट है मतलब यानी संयुक्‍त सचिव बनने वाले अधिकारियों को सरकार एक्‍सपर्ट के तौर पर देखती है। उन्‍हें खास विदेश दौरों पर भेजा जाता है। उन्‍हें स्‍पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे खास तरह के काम को कुशलतापूर्वक अंजाम दे सकें।

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तो क्या  एक आईएएस ये सब नहीं कर सकता क्या ?
योग्यता के अनुसार सामान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल काम का अनुभव रखने वाले भी संयुक्‍त सचिव पद के चुनने योग्य  हो सकते हैं। लंबे समय से सरकारी क्षेत्र के उच्‍च पदों पर प्राइवेट सेक्‍टर के लोगों की भर्ती की मांग उठती आ रही है। इसे देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में लेटरल एंट्री प्रोसेस में बड़ा संशोधन किया।
अब तक इसके तहत काफी भरतिया हो चुकी है जैसे  के 
 पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, एनडीटीवी के प्रमुख प्रणय राय, पूर्व आईबीआई गवर्नर बिमल जालान, पूर्व पेट्रोलियम व वित्त सचिव विजय केलकर, पूर्व ऊर्जा सचिव आरवी शाही जैसे लोगों की नियुक्ति की गई।
 क्या कारण है के ऐसे भर्तीया करनी पद रही है 
सर्कार द्वारा इस बदलाव को इस तरह से समझा जा रहा है के सरकार के विभिन क्षेत्र में विशेज्ञ सी ज़रूरत महसूस हो रही है और इसे एक हॉट एक सर्कार के कामकाज में अभाव की तरह महसूस किया जा रहा है इस लिए ये बदलाव क्या जा रहा है।  भारत के नौकरशाहों की अक्‍सर उनके शाही अंदाज और तौर-तरीकों के लिए आलोचना की जाती है, जिससे सरकारी योजनाओं की क्रियान्‍वयन प्रक्रिया सुस्‍त हो जाती है। इसका नकारात्‍मक असर समाज और देश के विकास पर होता है।
 भारत सरकार में 34 साल तक वरिष्‍ठ पदों पर काम करने वाले सेवानिवृत आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसके लिए यूपीएससी सर्विस रूल्‍स में संशोधन किया है। इसके तहत संयुक्‍त सचिव बनने के लिए आपको प्राइवेट सेक्‍टर में उच्‍चाधिकारी बनना भी जरूरी है। बल्कि सरकार किसी प्राइवेट पर्सन को भी इस पद पर नियुक्‍त कर सकती है। वैसे तो इस बदलाव का मकसद सरकारी महकमों में विशेषज्ञता को बढ़ावा देना है, जिसका फिलहाल भारी अभाव है, क्‍योंकि आईएएस अधिकारी बने-बनाए ढर्रे पर काम करने के आदी हो जाते हैं। लेकिन विभिन्‍न सरकारें इस संशोधन का दुरुपयोग भी करती हैं। वे पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए अपने लोगों को इन पदों पर नियुक्‍त करते हैं, जिससे इसका मकसद ही खत्‍म हो जाता है। उनके अनुसार उत्‍तर प्रदेश के एक पूर्व मुख्‍यमंत्री ने सीएम पद पर रहते हुए अपने डॉक्‍टर दामाद की ऐसे वरिष्‍ठ पद पर नियुक्ति की थी।
कैसे होगी रिक्रूटमेंट लेटरल प्रकिरिया से 
इन पदों पर नियुक्त होने वालों का कार्यकाल 3 वर्ष रखा गया है, लेकिन सरकार इसे बढ़ा सकती है। इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है, जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है. 
वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत जॉइंट सेक्रटरी वाला ही होगा तथा सारी सुविधा उसी अनुरूप ही मिलेगी। इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी उसी अनुरूप मिलेंगी। इस पद पर चयन के लिए केवल साक्षात्कार देना होगा और कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली समिति इनका साक्षात्कार लेगी।
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शुक्रिया 



ये एक स्वतंत्र आर्टिकल है 
source : Dainik Jagran

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