नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 ?
Citizenship Amendment Bill 2016 ?
- नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त करने के सम्बन्ध में प्रतिबन्ध आरोपित करता है।
- नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 इस अधिनियम के विपरीत है।
- इस अधिनियम के तहत 31 दिसम्बर, 2014 या इस से पूर्व आ गए हो और जो भारतीय आवश्यक वैध यात्रा दस्तावेज़ों के बिना निवास कर रहे उनको नागरिकता प्रदान की जा सकती है।
- ये नागरिकता उत्पीड़ित गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय) को दी जा सकती है।
- इसका लाभ प्रदान करने के लिए इसे केंद्र सरकार के पासपोर्ट अधिनियम, 1920 और विदेशी विषयक अधिनियम, 1946 के प्रावधानों में छूट होगी।
- ये निवास सम्बन्धी योग्यता को 11 वर्षो से घटाकर 6 वर्ष तक करने का प्रावधान करता है।
- इस विधेयक में Overseas Citizens of India - OSI's के पंजीकरण को रद्द करने का भी प्रावधान है।
- IPS कैसे बने ?
नागरिकता अधिनियम, 1955
- ये अधिनियम जन्म, वंशानुगत, पंजीकरण, देशीकरण एवं क्षेत्र समाविष्ट करने के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने का प्रावधान करता है।
- ये अधिनियम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से वंचित करता है।
- यह अधिनियम अवैध प्रवासियों को ऐसे विदेशी के रूप में परिभाषित करता है जिसने, जिसने वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज़ों के बिना प्रवेश किया हो, स्वीकृति से अधिक भारत में निवास कर रहा हो।
- भारत के OCI कार्डधारकों तथा उनके अधिकारों को विनियमित करता है।
- एक ओसीआई कार्ड धारक भारत आगमन हेतु मल्टी-एंट्री, मल्टी-पर्पज लाइफ-लॉन्ग वीज़ा प्राप्त कर सकता है।
- ये केंद्र सरकार को धोखाधड़ी के माध्यम से पंजीकरण, पंजीकरण की 5 वर्ष की अवधि में 2 वर्ष से अधिक कारावास के दंड, सम्प्रभुता एवं देश की सुरक्षा इत्यादि आधार पर ओसीआई के पंजीकरण को रद्द करने हेतु सक्षम बनता है।
नागरिकता संशोधन, 2016
- ये बांदलादेश के हाजोंग तथा चकमा समुदाय को लाभ प्रदान कर सकेगा।
- इससे लोगो को पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्व-रोजगार, संपत्ति का क्रय करने में लाभ होगा।
- ये विधेयक अनुछेद 14 उल्लघन करता है।
- अनुछेद 14, सभी व्यक्तियों, नागरिको एवं विदेशियों को सामानता के अधिकार की गारंटी प्रदान करता है।
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