जिंदगी में जीत और हार तो हमारी सोच पर निर्भर करती है
जो मान ले हार : वो हार जाता है
जो ठान ले जीत वे जीत जाता है।
S.R. SALMAN
हमारे ज़िंदगी में बहोत सी ऐसी परस्थिति आती है जाहा हमें कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने होते है हमारे जित और हार के क्यूंकि जब हम पढ़ाई करते है तो हर दिन हमारे लिए एक तूफान की तरह आता है जिस में हम कभी बह जाते है तो कभी उभर आते है। ये तूफ़ान हमारी सोच ही होता है जिसे हमें काबू पाना होता है हर वक़्त एक नकारात्मक सोच हमें बर्बादी की तरफ ले जाती है और कभी तो ये सोच हमें बर्बाद कर जाती है। ऐसा क्यों होता है ?
ऐसा इस लिए होता है के हमारे पास जो माहौल होता वो हमें बहोत परेशान करता है के लोग हमें हर वक़्त ये पूछते है के आपके रिजल्ट का क्या हुआ क्या आप पास हो गए क्या आपकी जॉब लग गयी ऐसी में हम कभी कभी डिप्रेस हो जाते है।
इसे ही कण्ट्रोल में रखे क्यों हमारी जीत हमरी सोच पर निर्भर है।
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