ब्लेक होल की संरचना ऐसी है के इसके एक सिमित हिस्से में जाने पर सब इसमें समां जाता है यहाँ तक के प्रकाश भी वापस नहीं आती है ये एक रहस्मय बात है जिसमे पहुँचते ही कोई भी पिंड उसी में समां जाता है इसमें हर पल इस प्रकिरिया में उसके चारो ओर प्रकाश और तरंगे का एक चक्र बन जाता है जिससे छल्ले जैसे आकृति बनती है वैज्ञानिक ने इसी की तस्वीर ली है। उन तरंगो के बिच दिख रहे काले हिस्से को ही ब्लेक होल केहते है।
EHT के मुताबिक कई रेडिओ टेलिस्कोप ऐंटिना को जोड़ा गया ताके वो टेलिस्कोप की तरह काम कर सके
अप्रैल 2017 हवाई,एरिजोना, स्पेन, मेक्सिको, चिली, और अंटार्कटिका में स्थापित टेलिस्कोप मदद से पहला डाटा मिला है।
ग्रीनलैंड, फ्रांस भी फिर इसका हिस्सा बने
M-87 ग्लैक्सी में स्थित ब्लेक होल धरती से 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है
इसकी द्रवमान सूर्य से 6.5 अरब गुना है
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